गोमाता के पीने के जल की व्यवस्था

जल-कुण्ड में चूना - कैल्शियम का प्राकृतिक स्रोत
- गोमाता के पीने के जल की व्यवस्था ऐसी होनी चाहिये कि पूरे वर्ष उन्हें स्वच्छ और पोषक जल सहजता से प्राप्त हो।
- गोमाता का रहने का स्थान प्राकृतिक और खुला होना चाहिये और उसमें उनके जल की व्यवस्था उनके निकट ही होनी चाहिये।

जल-कुण्ड में चूना - कैल्शियम का प्राकृतिक स्रोत
हमने कैल्शियम का प्राकृतिक स्रोत ढूंढ़ने की कोशिश की और ग्रामीण जन समूह की पौराणिक पद्धति के पड़ताल से पाया कि कैल्शियम के प्राकृतिक स्रोत के रूप में चूना अति उत्तम हैं।
गोमाता के जल-कुण्ड में चूने से पुताई करने से उसके कुछ अंश कुण्ड में भरे जल में या जाते है, जिससे गोमाता के कैल्शियम की आवश्यकता पूर्ण हो सकति है।
और यह जल ग्रीष्म ऋतु में मिट्टी के मटके रखे जल की भाँति शीतल हो जाता है जिसे गोमाता अत्यंत रूचि से पीती है। कैल्शियम के कारण यह जल गरमी में भी ठंडा रहता है।
आज का विज्ञान यह भी कहता है कि चूना एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल है, इससे गोमाता के जल की शुद्धता बनी रहती है।
हम इस जल में सुगंध देती औषधियों का भी मिश्रण कर सकते हैं जिससे गोमाता को सुगंधित, शीतल, औषधीय गुण से संपन्न जल प्राप्त हो।