GIR Gauveda - Testimonials
बंसी गीर गोशाला इस तथ्य का भी एक जीवित प्रदर्शन है कि वैदिक गोपालन और आयुर्वेद के बीच प्रभावी तालमेल से मानवता की शारीरिक पीड़ा दूर की जा सकती है। इसके साथ ही अरबों डॉलर बचाए जा सकते हैं जो आधुनिक विश्व रासायनिक आधारित दवाओं पर खर्च करता है।
बंसी गीर गोशाला भारत के प्रमुख आयुर्वेदिक चिकित्सकों से जुड़ी हुई है, और उनके मार्गदर्शन और पर्यवेक्षण में कई पथ-प्रदर्शक दवाएं और पूरक विकसित किए हैं। हर दिन, गोशाला के गो आधारित आयुर्वेदिक क्लिनिक के मरीज अनिद्रा, जोड़ों में दर्द, ऊसरता, मासिक धर्म की अनियमितता, अस्थमा, बालों के झड़ने इत्यादि जैसी विभिन्न स्वास्थ्य तकलीफ़ों में बेहद उत्साहजनक परिणाम साजा करते हैं।
हमने इनमें से कुछ अनुभव संक्षिप्त में नीचे सजा किए हैं। हमें आशा है की यह अन्य मरीजों को गौ आधारित आयुर्वेद अपनाने के लिए प्रेरित करेगा।
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एक हफ्ते में 1.5 कि.ग्रा वजन कम हुआ, उर्जा में तेजी से सुधार आया।. मौलिक भूपतानी (अहमदाबाद)
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गौ वेदा औषधियो का उपयोग करने के बाद हाई ब्लड प्रेशर से काफी राहत मिली। रजनी पुरोहित (अहमदाबाद)
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वेन्ट्रिकल डिसफंक्शन से पीडित था। आई.सी.यु मे एडमिट किया गया और 3 महिने के लिए आराम करने सलाह दी गई। गौवेदा औषधियां अर्जुन घृत, धवलामृत, अर्जुन चाय और फलामृत दैनिक प्रामायम के साथ शुरु की गई। जिससे काफी राहत मिली और 2D ईको रिपोर्ट में भी सुधार आया। आकाश दवे (अहमदाबाद)
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मोटापा, तनाव, अनिंद्रा, जोडो का दर्द जैसी अनेक बीमारियों का लंबे समय से सामना कर रही थी। अनेक दवाईयां ली लेकिन कोई असर नहीं दिखा। फिर गौवेदा औषधि लेना शुरु किया एक महिने में काफी असर दिखा और हर तरह की तकलीफो से राहत मिली। मंजुलाबेन मकवाणा (अहमदाबाद)
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अनिंद्रा, मांसपेशियो में खींचाव, तनाव, हाई ब्लड प्रेशर, ह्रदय की तकलीफ जैसी तकलीफे थी। गौवेदा औषधियों थोडे महीने लेने के बाद ठीक से नींद आने लगी, मांसपेशियों में खींचाव कम हुआ, तनाव कम हुआ और ब्लड प्रेशर भी कम होकर 130 से 80 हुआ। योगेश पारखी (अहमदाबाद)
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गौवेदा औषधियों का उपयोग करने के बाद काफी वजन कम हुआ। उर्वशी जयस्वाल (अहमदाबाद)
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हाई ब्लडप्रेशर, अनिंद्रा, पूरा शरीर दर्द होना, कॉलस्ट्रोल जैसी तकलीफे थी 3 महिने गौवेदा औषधि लेने के बाद काफी राहत मिली। अच्छी नींद आने लगी और तनाव कम हुआ। तथा गीर आयुर रब का उपयोग करने से कफ से भी राहत मिली।. अखिलेश महेता (अहमदाबाद)
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मोटापा और कॉलस्ट्रोल- अर्जुन घृत, आकार कैप्सुल, गोधात्री घृत और लसामृता कैप्सुल की मदद से वजन कम हुआ तथा खराब कॉलस्ट्रोल का स्तर कम हुआ और अच्छे कॉलस्ट्रोल का स्तर बढा। तथा सायनस और कफ जैसी तकलीफे गीर अहिंसक नस्य की मदद से दूर हुई। रवि कुमार (अहमदाबाद)
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गौ वेदा औषधि लेने के बाद 2.5 महिने में प्लास्मा ग्लुकोझ कम होकर सामान्य हुआ, HbA1C, पोस्ट प्रेन्डिअल प्लास्मा ग्लुकोझ, कॉलस्ट्रोल, त्रिग्लायकेरिड का स्तर सामान्य हुआ। प्रशांत परीख (अहमदाबाद)
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कई ह्फतो से गैस एसिडीटी और हाथ-पाँव में दर्द हो रहा था, सूंठामृता कैप्सुल, द्राक्षावलेह, कब्जामृता चूर्ण और अस्थिचूर्ण लेने के बाद काफी राहत मिली। भारतीबेन (अहमदाबाद)
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काफी समय से गैस एसिडीटी की तकलीफ थी, बहुत दवाईयां ली लेकिन कोई असर नहीं हुआ। मिशरी के साथ गौवेदा सूंठामृत शुरू किया और जीवनशैली में कुछ बदलाव किया। गैस एसिडीटी से संपूर्ण राहत मिली। नीरज तन्ना (राजकोट)
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मिशरी के साथ सूंठामृत कैप्सुल लेने से कब्ज, एसिडीटी और पेट मे जलन जैसी तकलीफो से राहत मिली। बिपीनभाई मोदी (मुंबई)
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गौवेदा औषधि सूंठामृत और हाडामृत लेने के बाद पेट के दर्द से राहत मिली। काफी लंबे समय से यह तकलीफ हो रही थी। अल्पेश काछड (अहमदाबाद)
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3 साल से पेरेलिसिस हुआ है। गौवेदा औषधि लेने के बाद रोगप्रतिकारक शक्ति बढी और पाचन संबंधित समस्या से राहत मिली। किरनभाई मोर्जारिया (राजकोट)
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गौवेदा औषधि लेने के बाद कब्ज की समस्या से राहत मिली। रोनक जयस्वाल (अहमदाबाद)
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बवासीर, कब्ज की समस्या थी। गौवेदा औषधि हाडामृत कैप्सुल और कब्जामृत चूर्ण लेने के बाद यह समस्या से काफी राहत मिली।. आरतीकुमारी महारौल
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गैस्ट्रिक परेशानी और कब्ज की समस्या थी। हाडामृत कैप्सुल, सूंठामृत गोधात्री घृत और नस्य लेने के बाद ईस प्रकार की समस्या से ज्यादातर राहत मिली है।. राजा चावत
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Recurring abdominal pain after undergoing gall bladder operation, along with Charlie Horse symptoms (muscle spasms). Complete relief in symptoms after taking Asthi Ghrit, Asthi Powder, Mahatriphala Ghrit and Hadamrut. Dipesh H Shah (USA)
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पीछले साल से चिकित्सा चल रही है, गैस, एसिडीटी और डायाबिटीस से 65 प्रतिशत् राहत मिली। अंशुमन त्यागी (दिल्ली)
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हॉर्मोनल की समस्या थी, फलाघृत, कब्जामृत, अस्कामृत लेने से 85 प्रतिशत् सुधार दिखा और राहत मिली। फलक रोघेलीया (अहमदाबाद)
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गौवेदा की औषधियों से थाईरोईड की चिकित्सा चल रही थी। गले में 100 प्रतिशत् सुधार देखने मिला। विनोदभाई काकरिया (जामनगर)
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होर्मोनल की अनियमितता थी, जिसमे संपूर्ण असर देखने मिला। जागृतिबेन (अहमदाबाद)
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कमजोरी, हॉर्मोन्स की अनियमितता और दर्द, डलनेस, आंख के नीचे काले धब्बे, अनिंद्रा, वजन कम था और पाचन संबंधित समस्याए थी। गौवेदा औषधि लेने के बाद नींद अच्छी आने लगी, शरीर मे स्फूर्ति लगने लगी, पाचन ठीक से होने लगा और चेहरे पर निखार भी आया तथा वजन बढा। मिसीस. पटेल (शिरपुर)
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थाइरोइड, ब्लड प्रेशर और कार्डियक की समस्या थी। अर्जुन घृत, धवलामृत, सुंठामृत, २१ औषधीय अर्क, नस्य लेने के बाद 2 महीने में काफी राहत मिली और रिपोर्ट्स भी नॉर्मल आए। विद्याबेन कोडीया (हिम्मतनगर)
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पेट का दर्द सिटी स्कैन भी करवाया लेकिन समस्या का निदान नहीं हुआ आयुर्वेदिक निदान के बाद गोविदा औषधि शिलाजीत कैप्सुल लेने के बाद 1 महीने में दर्द से संपूर्ण संपूर्ण राहत मिली। सोनल बेन राठौड़ (अहमदाबाद)
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गौवेदा औषधि लेने से 1 साल से डायाबिटीस कंट्रोल में है। भावनाबेन मोदी (मुंबई)
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अस्कामृत कैप्सुल लेने के बाद मासिक धर्म नियमित है। श्लोका बेन जोशी (अहमदाबाद)
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5 साल से एक चम्मच सोने से पहले गीर अहिंसक गौ घी लेने से स्वास्थ्य अच्छा हुआ है, अच्छी नींद आ रही है और गले में भी काफी सुधार हुआ है। नीलकंठभाई (सूरत)
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गीर नस्य का उपयोग करने से स्वास्थ्य में काफी सुधार आया है। विजय कोटक (अहमदाबाद)
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पांव, गले और पैट की समस्या से राहत मिली है लेकिन बैक पेन में कोई राहत नहीं मिली। पिंटू बेन पंकज भाई पटेल (अहमदाबाद)
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एंटीबायोटिक दवा से गैस्ट्रिक, बालों का झड़ना, नींद ना आना जैसी साइड इफेक्ट साइड इफेक्ट्स हुई जो एलोपैथिक दवा से बिल्कुल ठीक नहीं हुई। गिलोय गौमूत्र कैप्सुल, अस्थिघृत, नस्य और अन्य कैप्सुल से 3 महीने में संपूर्ण रिकवरी हुई। काजल रादडिया (अहमदाबाद)
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फेफड़े के कैंसर का निदान, थकावट और पैर तथा बेक पेईन था। गौवेदा औषधि लेने के 1 महीने के अंदर थकान और दर्द में 25% सुधार देखने मिला। देवशीभाई आहिर (जामनगर)
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सूंठामृत, कब्जामृत, नस्य और अन्य गौवेदा औषधि लेने से सर दर्द, जोडो का दर्द, पाचन संबंधित समस्या और त्वचा की एलर्जी से राहत. मिली। के.डी. परमार (अहमदाबाद)
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गीर अहिंसक नस्य के उपयोग से 85 की उम्र में द्रष्टि में सुधार आया। हसमुखभाई पटेल (अहमदाबाद)
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एक साल से महात्रिफला घृत के उपयोग से द्रष्टि में सुधार आया। मणिभाई पटेल (अहमदाबाद)
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एक साल से गोवीटा पावडर ले रहे है, जिससे रोगप्रतिकारक शक्ति बढी है। नियतिबेन पटेल (अहमदाबाद)
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निशामृत कैप्सुल लेने से एलर्जी से संपूर्ण राहत मिली है। अमी मोसालीया (अहमदाबाद)
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न्युरोलोजीकल बीमारी से पीडित था। अस्थि चूर्ण, नस्य, 21 औषधिय अर्क और शीलाजीत लेने के बाद तनाव कम हुआ, अच्छी नींद आने लगी और 50 प्रतिशत् असर देखने मिला। जशवंतभाई प्रजापति (महेसाणा)
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भारी माईग्रेन की समस्या से परेशान था गायत्री घृत और गीर अहिंसक नस्य से संपूर्ण राहत मिली। कप्तान विश्वेन्द्र सिंह राजावत
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एपीलेप्सी का दर्दी के वर्टीगो हुआ और एपीलेप्टीक के दरम्यान ईजाग्रस्त भी हुआ। गीर अहिंसक नस्य लेने के बाद वर्टिगो में काफी राहत मिली। जिससे एपीलेप्सी में भी असर देखने मिला। भार्गवी एन. भट्ट (वडोदरा)
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उम्र के साथ न्युरोलोजिकल समस्या बढ रही थी शाम के समय आंखे खोलने में और बोलने में तकलीफ होती थी। सुबह-शाम गीर अहिंसक नस्य लेने से थोडे ही दिनो में 90 प्रतिशत् परिणाम दिखा और थोडे ही महिनो में संपूर्ण रूप से समस्या दूर हुई। लताबेन पंड्या (वडोदरा)
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70 साल की उम्र में अस्थि घृत, अस्थि चूर्ण और नस्य लेने से स्वास्थ्य में सुधार दिखा। अरुण रोघेलीया (अहमदाबाद)
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18 मार्च 2020 को सायटीका और डायाबिटील की चिकित्सा शुरु की, सायटीका दर्द 60 प्रतिशत् कम हुआ। निशीथ शाह (अहमदाबाद)
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2 फरवरी कतो जोडो के दर्द की चिकित्सा शुरू की जिसमे अस्थिगीर घृत और अस्थि चूर्ण लेने से काफी राहत मिली। काजल बेन (अहमदाबाद)
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जोडो के दर्द की समस्या थी, जिसमे 7 मार्च 2020 को चिकित्सा शुरू की अस्थिगीर घृत और अस्थि चूर्ण लेने से एक महिने में 70 प्रतिशत् राहत मिली। कल्पना पटेल (अहमदाबाद)
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जोडो के दर्द और बेक पेईन के लिए चिकित्सा शुरू की थी। अस्थिगीर घृत, अस्थि चूर्ण, कब्जामृत कैप्सुल, सूंठामृत कैप्सुल और गीर नस्य लेने से जोडो के दर्द और बेक पेईन से राहत मिली। रिटाबेन कांजरिया (बोटाद)
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अस्थिगीर घृत और अस्थि चूर्ण, लेने से बेक पेईन से काफी राहत मिली। प्रज्ञा कटियार (अहमदाबाद)
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काफी समय से गैस, एसिडीटी और जोडो के दर्द से परेशान थी। जिसमे कोई भी दवाई असर नहीं असर कर रही थी। सूंठामृत, हाडामुत, अस्थि चूर्ण नस्य लेने से संपूर्ण राहत मिली। अनसुयाबेन परमार (अहमदाबाद)
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13 साल से गंभीर पीठ दर्द (L3, L4, L5) से परेशान थी। राजकोट और अहमदाबाद के प्रमुख आर्थोपेडिक डॉक्टरों ने देखा लेकिन जब तक दवाई ले तब तक ही राहत मिलती थी। फरवरी 2020 में गौशाला की मुलाकात ली और अप्रिल 2020 तक 60 प्रतिशत् राहत मिली। तनाव के स्तर में भी कमी आई। सीमाबेन पटेल (राजकोट)
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कार्टिलेज डेमेज के कारण जोडो के दर्द के लिए सर्जरी की सलाह दी गई थी। थोडे महिने अस्थि घृत और अस्थि चूर्ण लेने के बाद दर्द में काफी राहत मिली और अब थोडी परेशानी के साथ रोजाना कार्य सकते है। सुरेखाबेन (विजयवाडा)
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पांव में दर्द और कमजोरी की परेशानी थी गौवेदा औषधि शुरु करने से एक महिने में राहत मिली। कपिल रत्नाकर (अहमदाबाद)
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अस्थि घृत और अस्थि चूर्ण लेने के बाद 2 महिने में ज्यादा देर तक खडे रहेने में और घुंटनो के दर्द में राहत मिली। कमलाबेन गोविंदभाई भाटीया (अहमदाबाद)
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10 साल से पीठ में दर्द की परेशानी है। एम आर आई पता चला की फाईनल वर्टीब्रे में स्पेस हो गई है। मेडिकल सलाह दी गई की तनाव ना ले, ट्रावेलिंग कम कर दे और हर रात मसाज करे। अस्थिघृत और कब्जामृत कैप्सुल लेने से 2 महिने में 85 प्रतिशत् राहत मिली अब कोई भी परेशानी के बगैर 40 किमा से ज्यादा ट्रावेलिंग हो रही है और रात को मसाज करने की जरूरत भी नहीं रही। विनय पटेल (अहमदाबाद)
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मेरे बेटे का 13 साल के मुताकिब विकास कम हुआ था और रोगप्रतिकारक शक्ति कम थी। गीर फलामृता कैप्सुल, नस्य द्राक्षावलेह और गो-वीटा पावडर लेने थोडे ही हफ्तो में सुधार देखने मिला। प्रशांत एम (अहमदाबाद)
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4 साल के बेटे विवान को अचानक से शर्दी हो गई और श्वसन की तकलीफ होने लगी थी। बंसी गीर गौशाला से औषधि लेने के बाद वह परेशानी जल्दी से खतम हो गई। निमित दवे (अहमदाबाद)
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4 साल के बेटे को अचानक से शर्दी हो गई गीर गौवेदा की औषधि लेने के बाद काफी राहत मिली। प्रवीण त्रिपाठी (अहमदाबाद)
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मेरी एक साल की और 8 साल की बेटीयों को जब भी सर्दी होती है तब उन्हे कामघेनु आसव देती हुं और कोई दवाई लिए बिना वह बिलकुल ठीक हो जाती है। नीलम आर. पटेल (सुरत)
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5 से 6 बार डायालिसीस करवाया। गौवेदा औषधिय घृत लेने से अब किडनी एकदम सामान्य है। जिससे मेरा स्वास्थ्य अच्छा हुआ है, वजन बढा है और उर्जा भी बढी है। भूपेश जयस्वाल (अहमदाबाद)
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कभी कभी गीर नस्य का उपयोग करने से स्वास्थ्य में काफी सुधार हुआ है। जिससे सर्दी और गले का दर्द, सायनस और माईग्रेन में रलाहत मिली है तथा अच्छी नींद भी आती है । विशालभाई (सुरत)
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कब्ज, सर्दी की चिकित्सा शुरुकी जिससे काफी राहत मिली और अच्छी नींद भी आने लगी। दर्शन परीख (अहमदाबाद)
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कफ और सर्दी की चिकित्सा शुरू की। कामधेनु आसव और गीर नस्य से काफी राहत मिली और अच्छी नींद भी आने लगी। के.डी.परीख (अहमदाबाद)
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7-8 मिनिट में संपूर्ण रूप से बंध नाक को गीर अहिंसक नस्य से संपूर्ण राहत मिली। प्रणव परीख (अमेरिका)
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3 महिने से ज्यादा समय से कफ की समस्या थी जो एन्टी बायोटिक्स से भी ठीक नहीं हो रही थी। कामधेनु आसव लेना शुरू करने से संपूर्ण रूप से ठीक हो गया। मुकेश कंटारिया (अहमदाबाद)
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दो साल से ब्रोन्कईटिस, थाईरोईड, हाई बी.पी., कार्डियक की समस्या थी। कामधेनु आसव लेने के बाद राहत मिली। ब्रोन्काईटिस मे काफी ज्यादा राहत मिली। शर्मिष्ठाबेन जोशी (अहमदाबाद)
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कामधेनु आसव और निशामृत लेने के बाद श्वसन ईन्फेक्शन में काफी राहत मिली। गौरीबेन व्यास (अहमदाबाद)
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क्रोनिक और बार बार गले में संक्रमण की समस्या थी जिसमे सूंठामृत कैप्सुल लेने से काफी राहत मिली। और पाचन क्रिया में। दिनेशभाई हडिया (भावनगर)
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नाक में दर्द हो रहा था और नाक में से पानी भी निकल रहा था जो गीर अहिंसक नस्य लेने से बिलकुल ठीक हो गया। कृणाल ठाकर
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बंसी गिर गौशाला दूध और घी, कामधेनु असव और नस्य शुरू करने के बाद सांस / गले के संक्रमण में महत्वपूर्ण राहत मिली। एंटी-हिस्टामाइन और एंटी-बायोटिक्स उपचार से 90% प्रतिशत् असर देखने मिला। संदीप पंड्या (अहमदाबाद)